The best Side of sidh kunjika
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श्री महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम् (अयिगिरि नंदिनि)
धिजाग्रं धिजाग्रं त्रोटय त्रोटय दीप्तं कुरु कुरु स्वाहा ॥ १२ ॥
देवी माहात्म्यं अपराध क्षमापणा स्तोत्रम्
हुं हु हुंकाररूपिण्यै जं जं जं जम्भनादिनी।
ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति षष्ठोऽध्यायः
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति तृतीयोऽध्यायः
इति श्रीरुद्रयामले गौरीतंत्रे शिवपार्वतीसंवादे कुंजिकास्तोत्रं संपूर्णम् ।
यस्तु कुंजिकया देविहीनां सप्तशतीं पठेत्।
धां धीं धू धूर्जटे: read more पत्नी वां वीं वूं वागधीश्वरी।
देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्
दकारादि श्री दुर्गा सहस्र नाम स्तोत्रम्
On chanting usually, Swamiji says, “The more we recite, the greater we hear, and the more we attune ourselves to your vibration of what is getting reported, then the more We are going to inculcate that Angle. Our intention amplifies the Mind-set.”
ॐ अस्य श्रीकुंजिकास्तोत्रमंत्रस्य सदाशिव ऋषिः, अनुष्टुप् छंदः,